Unemployment, Population and New Education Policy
बेरोजगारी, जनसंख्या और नयी शिक्षा नीति इस वर्ष प्रंधानमत्री नरेंद्र मोदी जी ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए एक नयी शिक्षा नीति प्रस्तावित की। उसमें कुछ बिंदु तो निस्संदेह स्वागत योग्य हैं पर तब भी वर्तमान परिदृश्य के अनुसार बढ़ती बेरोजगारी और युवाओं की समस्याओं के समाधान के लिए उसमे अपेक्षित योजनाएं नहीं हैं। हमारी वर्तमान शिक्षा पद्धति में इतनी कमियाँ हैं कि छात्र आत्मनिर्भर भले ही ना हो पाएं परन्तु नौकरी ना मिलने पर निराशा और अवसाद से ग्रसित अवश्य हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में बहुत से युवाओं का जीवन और समाज से मोहभंग हो जाता है और वो गलत रास्ते पर चले जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में पढ़ाई और नौकरी के तनाव के कारण आत्महत्या करने वाले युवाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। ये दुःखद है कि देश को स्वतंत्रता मिलने के कई वर्षों बाद भी राजनीतिक दलों ने अपने निहित उद्देश्यों के चलते इतने महत्वपूर्ण विषय की अनदेखी की। ऐसी स्थिति में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की नयी शिक्षा नीति एक सराहनीय प्रयास है, पर अभी भी इसमें बहुत सुधारों की आवश्यकता है। इस लेख में नयी शिक्षा नीत...