How to curb economic slowdown ?
आर्थिक मंदी को कैसे नियंत्रित किया जाये ? इस समय भारतीय अर्थव्यवस्था में आयी हुई मंदी को लेकर देश में तरह-तरह की चर्चायें हो रही हैं। विपक्ष इसे सरकार की नाकामी के रूप में प्रचारित कर रहा है। बहुत ना-नुकुर करने के बाद सरकार ने स्वीकार किया है कि इस समय अर्थव्यवस्था मंदी का सामना कर रही है और वित्तमंत्री जी ने इससे निपटने के लिए कुछ कदम उठाये हैं। पर अर्थशास्त्री उन्हें अपर्याप्त मानते हैं। आखिर क्या है ये मंदी और इससे देश की अर्थव्यवस्था कैसे प्रभावित होती है? सरल शब्दों में कहें तो जनता के पास धन की कमी ही आर्थिक मंदी है क्योंकि जनता के पास धन के कमी होने से उसकी क्रय शक्ति में कमी आती है जिससे वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार कम हो जाता है और अंततः इससे कर संग्रहण में भी कमी आती है जिससे सरकारी खजाने में धन की कमी हो जाती है। अब यहाँ पर प्रश्न ये उठता है कि व्यवस्था में धन की कमी कैसे हो जाती है? यहाँ पर अर्थशास्त्र के एक बहुत ही साधारण से सिद्धांत पर गौर करना होगा। और वो यह है कि जिस प्रकार मनुष्य के शरीर में रक्त का महत्व होता है, वैसा ही महत्व समाज में धन का होता है। जैसे ...